Table Of ContentThis Book is requested from Request Hoarder
1- -
लाग डाट
2-
रामलीला
3-
कजाक(cid:938)
4-
गरीब क(cid:938) हाय
5-
परी(cid:437)ा
6-
(cid:974)(cid:484)के ट मैच
7- -
पंच परमे(cid:886)र
8-
धोखा
9-
भाड़े का ट(cid:666)
ू
10-
जुगनू क(cid:938) चमक
11-
सुजान भगत
12-
ईदगाह
13-
बेट(cid:956) वाली (cid:974)वधवा
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(cid:973)ह (cid:940)
दी सा(cid:973)ह(cid:707) जगत् म(cid:950) मुंशी (cid:504)ेमचंद का नाम बड़े आदर और स(cid:833)ान के साथ (cid:979)लया
। । 31 , 1880
जाता है इनका वा(cid:913)(cid:974)वक नाम धनपत राय था इनका ज(cid:764) जुलाई को
।
बनारस शहर से करीब चार मील (cid:1018)र लमही गाँव म(cid:950) (cid:966)आ था इनके (cid:974)पता का नाम मुंशी
, ।
अजायब लाल था जो डाक मुंशी के पद पर थे इनके म(cid:733)मवग(cid:945)य प(cid:971)रवार म(cid:950) साधारणतया
- , - ,
खाने पीने पहनने ओढ़ने क(cid:938) तंगी तो न थी परंतु इतना कभी न हो पाया (cid:974)क इ(cid:772)(cid:950) उ(cid:633)
- - ,
(cid:913)र का खान पान अथवा रहन सहन (cid:977)मल सके इसी आ(cid:976)थक(cid:941) सम(cid:927)ा से मुंशी (cid:504)ेमचंद
। ।
भी पूरी उ(cid:508) जूझते रहे तंगी म(cid:950) ही उ(cid:772)(cid:956)ने इस न(cid:886)र संसार को छोड़ा
- -
मातृ(cid:710) (cid:920)ेह से वं(cid:979)चत हो चुके और (cid:974)पता क(cid:938) देख रेख से (cid:1018)र रहने वाले बालक धनपत ने
, ‘ ,
अपने (cid:979)लए कु छ ऐसा रा(cid:913)ा चुना (cid:979)जस पर आगे चलकर वे उप(cid:766)ास स(cid:508)ा(cid:449) महान
, ।
कथाकार कलम का (cid:979)सपाही जैसी उपा(cid:977)धय(cid:956) से (cid:974)वभू(cid:974)षत (cid:966)ए उ(cid:772)(cid:956)ने बचपन से ही अपने
।
समय क(cid:938) मश(cid:967)र और ऐयारी क(cid:938) पु(cid:913)क(cid:950) पढ़नी शु(cid:965) कर द(cid:944) इन पु(cid:913)क(cid:956) म(cid:950) सबसे बढ़कर
‘ ’ । - ,
(cid:976)त(cid:979)ल(cid:925)ी होश(cid:964)बा थी बारह तेरह वष(cid:481) क(cid:938) उ(cid:508) म(cid:950) उ(cid:772)(cid:956)ने अनेक पु(cid:913)क(cid:950) तो पढ़ ही डाल(cid:944)
, ‘
साथ म(cid:950) और ब(cid:966)त कु छ पढ़ डाला जैसे (cid:974)क रेना(cid:852) क(cid:938) (cid:977)म(cid:470)(cid:494)ीज ऑफ द कोट(cid:481) ऑफ
’, ,
लंदन मौलाना स(cid:642)ाद (cid:966)सैन क(cid:938) हा(cid:927) कृ (cid:976)तयाँ (cid:977)मजा(cid:481) (cid:964)सवा और रतनशार के ढेर(cid:956)
।
(cid:974)क(cid:930)े
।
लगभग चौदह वष(cid:481) क(cid:938) उ(cid:508) म(cid:950) बालक धनपत के (cid:974)पता का देहांत हो गया घर म(cid:950) यूँ पहले से
,
ही काफ(cid:938) गरीबी थी (cid:973)फर (cid:974)पता क(cid:938) मृ(cid:707)ु के प(cid:878)ात् तो मानो उसके (cid:979)सर पर मुसीबत(cid:956) का
। - । -
पहाड़ टूट पड़ा रोजी रोटी कमाने क(cid:938) (cid:979)चत(cid:940) ा (cid:979)सर पर सवार हो गई (cid:668)ूशन कर करके
।
उ(cid:772)(cid:956)ने (cid:974)कसी (cid:504)कार मै(cid:974)(cid:494)क क(cid:938) परी(cid:437)ा (cid:973)(cid:729)तीय (cid:512)ेणी म(cid:950) पास क(cid:938) वे आगे पढ़ना तो चाहते
, ।
थे पर (cid:974)कसी कारणवश कॉलेज म(cid:950) (cid:504)वेश न (cid:977)मल सका
- ।
धनपत तब पं(cid:501)ह सोलह वष(cid:481) के ही थे (cid:974)क उनका (cid:974)ववाह कर (cid:973)दया गया उनके (cid:979)लए यह
; 1898
(cid:974)ववाह ब(cid:966)त ही (cid:1009)भा(cid:481)(cid:625)पूण(cid:481) रहा ले(cid:974)कन एक अ(cid:634)ा संयोग यह जुड़ा (cid:974)क सन् म(cid:950)
मै(cid:974)(cid:494)क करने के बाद बनारस के पास चुनार के एक (cid:974)व(cid:728)ालय म(cid:950) (cid:979)श(cid:437)क क(cid:938) नौकरी (cid:977)मल
। - - ।
गई नौकरी करते (cid:966)ए ही उ(cid:772)(cid:956)ने इंटर और (cid:973)फर बी ए पास (cid:974)कया
‘ - - ’
इनक(cid:938) पहली पु(cid:913)क सोज ए वतन जब सरकार के (cid:729)ारा ज(cid:802) कर ली गई तो इ(cid:772)(cid:956)ने
‘ ’ । 1916-17 ‘ ’ ।
(cid:504)ेमचंद नाम से (cid:979)लखना शु(cid:965) कर (cid:973)दया म(cid:950) (cid:504)ेमचंदजी ने सेवासदन (cid:979)लखा
- ,
इस समय तक वह भारतीय (cid:929)तं(cid:499)ता सं(cid:486)ाम से प(cid:971)र(cid:979)चत ही नह(cid:944) उसके रंग म(cid:950) रँग चुके थे
।
और उनक(cid:938) लेखनी भारतीय सामा(cid:979)जक सम(cid:927)ाओंपर बड़े वेग से चलने लगी थी
‘ ’ ‘ - ’ ।
रंगभू(cid:977)म छपने पर इ(cid:772)(cid:950) उप(cid:766)ास स(cid:508)ा(cid:449) कहा जाने लगा था (cid:504)ेमचंदजी ने अनेक
, -‘ ’ ‘ ’ ।
उप(cid:766)ास (cid:979)लखे (cid:979)जनम(cid:950) कम(cid:481)भू(cid:977)म और गोदान (cid:974)व(cid:886)(cid:504)(cid:979)स(cid:722) उप(cid:766)ास माने जाते ह(cid:953)
, -
(cid:504)ेमचंदजी काफ(cid:938) समय से पेट के अ(cid:869)र से बीमार थे (cid:979)जसके कारण उनका (cid:929)ा(cid:918) (cid:973)दन
। 8 , 1936
(cid:504)(cid:976)त(cid:973)दन (cid:977)गरता जा रहा था इसी के चलते अ(cid:567)ू बर को (cid:973)हद(cid:940) ी का यह महान्
।
लेखक (cid:973)हद(cid:940) ी सा(cid:973)ह(cid:707) जगत् से हमेशा के (cid:979)लए (cid:974)वदा हो गया ले(cid:974)कन इस महान् लेखक क(cid:938)
।
कहा(cid:977)नयाँ आज भी इ(cid:772)(cid:950) जी(cid:974)वत रखे (cid:966)ए ह(cid:953)
- ‘ ’
मुके श नादान
जो । -
खू भगत और बेचन चौधरी म(cid:950) तीन पी(cid:975)ढ़य(cid:956) से अदावत चली आती थी कु छ डाँड़
। - । -
म(cid:950)ड़ का झगड़ा था उनके परदादाओंम(cid:950) कई बार खून ख(cid:633)र (cid:966)आ बाप दादाओंके समय
। ।
से मुकदमेबाजी शु(cid:965) (cid:966)ई दोन(cid:956) कई बार हाईकोट(cid:481) तक गए लड़क(cid:956) के समय म(cid:950) सं(cid:486)ाम क(cid:938)
, ।
भीषणता और भी बढ़ी यहाँ तक (cid:974)क दोन(cid:956) ही अश(cid:567) हो गए पहले दोन(cid:956) इसी गाँव म(cid:950)
- ।
आधे आधे के (cid:973)ह(cid:930)ेदार थे अब उनके पास उस झगड़ने वाले खेत को छोड़कर एक अंगुल
। , , - , - -
जमीन न थी भू(cid:977)म गई धन गया मान मया(cid:481)दा गई ले(cid:974)कन वह (cid:974)ववाद (cid:656)(cid:956) का (cid:707)(cid:956) बना
। ।
रहा हाईकाट(cid:481) के धुरंधर नी(cid:976)त(cid:438) एक मामूली सा झगड़ा तय न कर सके
। -
इन दोन(cid:956) स(cid:642)न(cid:956) ने गाँव को दो (cid:974)वरोधी दल(cid:956) म(cid:950) (cid:974)वभ(cid:567) कर (cid:973)दया था एक दल क(cid:938) भंग
-
बूटी चौधरी के (cid:729)ार पर छनती तो (cid:1018)सरे दल के चरस गाँजे के दम भगत के (cid:729)ार पर लगते
। ।
थे (cid:987)(cid:915)य(cid:956) और बालक(cid:956) के भी दो दल हो गए थे यहाँ तक (cid:974)क दोन(cid:956) स(cid:642)न(cid:956) के सामा(cid:979)जक
।
और धा(cid:977)मक(cid:941) (cid:974)वचार(cid:956) म(cid:950) भी (cid:974)वभाजक रेखा (cid:981)खच(cid:940) ी (cid:966)ई थी चौधरी कपड़े पहने स(cid:695)ू खा लेते
।
और भगत को ढ(cid:956)गी कहते भगत (cid:975)बना कपड़े उतारे पानी भी न पीते और चौधरी को (cid:507)(cid:890)
। ।
बतलाते भगत सनातनधम(cid:945) बने तो चौधरी ने आय(cid:481)समाज का आ(cid:512)य (cid:979)लया (cid:979)जस
, ,
बजाज पंसारी या कुं जडे़ से चौधरी सौदे लेते उसक(cid:938) ओर भगतजी ताकना भी पाप
,
समझते थे और भगतजी क(cid:938) हलवाई क(cid:938) (cid:977)मठाइयाँ उनके (cid:628)ाले का (cid:1018)ध और तेली का तेल
। ।
चौधरी के (cid:979)लए (cid:707)ा(cid:656) थे यहाँ तक (cid:974)क उनके अरो(cid:625)ता के (cid:979)स(cid:722)ांत(cid:956) म(cid:950) भी (cid:978)भ(cid:755)ता थी
, ।
भगतजी वै(cid:728)क के कायल थे चौधरी यूनानी (cid:504)था के मानने वाले दोन(cid:956) चाहे रोग से मर
, ।
जाते पर अपने (cid:979)स(cid:722)ांत(cid:956) को न तोड़ते
।
जब देश म(cid:950) राजनै(cid:976)तक आंदोलन शु(cid:965) (cid:966)आ तो उसक(cid:938) भनक उस गाँव म(cid:950) आ प(cid:966)ँची चौधरी
, ।
ने आंदोलन का प(cid:437) (cid:979)लया भगत उनके (cid:974)वप(cid:437)ी हो गए एक स(cid:642)न ने आकर गाँव म(cid:950)
- । , । ,
(cid:974)कसान सभा खोली चौधरी उसम(cid:950) शरीक (cid:966)ए भगत अलग रहे जागृ(cid:976)त और बढ़ी
। ,
(cid:929)रा(cid:656) क(cid:938) चचा(cid:481) होने लगी चौधरी (cid:929)रा(cid:656)वादी हो गए भगत ने राजभ(cid:977)(cid:567) का प(cid:437)
। ,
(cid:979)लया चौधरी का घर (cid:929)रा(cid:656)वा(cid:973)दय(cid:956) का अ(cid:673)ा बन गया भगत का घर राजभ(cid:567)(cid:956) का (cid:584)ब
।
बन गया
, " , ।
चौधरी जनता म(cid:950) (cid:929)रा(cid:656)वाद का (cid:504)चार करने लगे (cid:977)म(cid:499)े (cid:929)रा(cid:656) का अथ(cid:481) है अपना राज
, ?"
अपने देश म(cid:950) अपना राज हो वह अ(cid:634)ा है (cid:974)क (cid:974)कसी (cid:1018)सरे का राज हो
, " , ।"
जनता ने कहा अपना राज हो वह अ(cid:634)ा है
, " ? , , , -
चौधरी तो यह (cid:929)रा(cid:656) कै से (cid:977)मलेगा आ(cid:705)बल से पु(cid:964)षाथ(cid:481) से मेल से एक (cid:1018)सरे से (cid:729)षे
। ।"
करना छोड़ दो अपने झगड़े आप (cid:977)मलकर (cid:977)नपटा लो
, " ।"
एक शंका आप तो (cid:977)न(cid:707) अदालत म(cid:950) खड़े रहते ह(cid:953)
, " , ।
चौधरी हाँ पर आज से अदालत जाऊँ तो मुझे गऊह(cid:707)ा का पाप लगे तु(cid:839)(cid:950) चा(cid:973)हए (cid:974)क
- ।
तुम अपनी गाढ़ी कमाई अपने बाल ब(cid:633)(cid:956) को (cid:981)खलाओ और बचे तो परोपकार म(cid:950) लगाओ
- , ,
वक(cid:938)ल मु(cid:599)ार(cid:956) क(cid:938) जेब (cid:583)(cid:956) भरते हो थानेदार को घूस (cid:583)(cid:956) देते हो अमल(cid:956) क(cid:938) (cid:979)चरौरी
? , ,
(cid:583)(cid:956) करते हो पहले हमारे लड़के अपने धम(cid:481) क(cid:938) (cid:979)श(cid:437)ा पाते थे वह सदाचारी (cid:707)ागी
। , ,
पु(cid:964)षाथ(cid:945) बनते थे अब वह (cid:974)वदेशी मदरस(cid:956) म(cid:950) पढ़कर चाकरी करते ह(cid:953) घूस खाते ह(cid:953) शौक
, , ,
करते ह(cid:953) अपने देवताओंऔर (cid:974)पतर(cid:956) क(cid:938) (cid:977)नद(cid:940) ा करते ह(cid:953) (cid:979)सगरेट पीते ह(cid:953) साल बनाते ह(cid:953) और
।
हा(cid:974)कम(cid:956) क(cid:938) गोड़ध(cid:971)रया करते ह(cid:953) (cid:583)ा यह हमारा कत(cid:481)(cid:872) नह(cid:944) है (cid:974)क हम अपने बालक(cid:956) को
।"
धमा(cid:481)नुसार (cid:979)श(cid:437)ा द(cid:950)
, " ।"
जनता चंदा करके पाठशाला खोलनी चा(cid:973)हए
, " । - -
चौधरी हम पहले म(cid:973)दरा को छू ना पाप समझते थे अब गाँव गाँव और गली गली म(cid:950)
। - ।"
म(cid:973)दरा क(cid:938) (cid:1009)कान(cid:950) ह(cid:953) हम अपनी गाढ़ी कमाई के करोड़(cid:956) (cid:964)पए गाँजे शराब म(cid:950) उड़ा देते ह(cid:953)
, " - ।"
जनता जो दा(cid:965) भाँग (cid:974)पए उसे डाँट लगानी चा(cid:973)हए
, " - , - - । -
चौधरी हमारे दादा बाबा छोटे बड़े सब गाढ़ा गजी पहनते थे हमारी दा(cid:973)दयाँ ना(cid:977)नयाँ
। ,
चरखा काता करती थ(cid:944) सब धन देश म(cid:950) रहता था हमारे जुलाहे भाई चैन क(cid:938) वंशी बजाते
। ।
थे अब हम (cid:974)वदेश के बने (cid:966)ए महीन रंगीन कपड़(cid:956) पर जान देते ह(cid:953) इस तरह (cid:1018)सरे देश वाले
।
हमारा धन ढो ले जाते ह(cid:953) बेचारे जुलाहे कं गाल हो गए (cid:583)ा हमारा यही धम(cid:481) है (cid:974)क अपने
?"
भाइय(cid:956) क(cid:938) थाली छीनकर (cid:1018)सर(cid:956) के सामने रख द(cid:950)
, " ।"
जनता गाढ़ा कह(cid:944) (cid:977)मलता ही नह(cid:944)
, " , , ,
चौधरी अपने घर का बना (cid:966)आ गाढ़ा पहनो अदालत(cid:956) को (cid:707)ागो नशेबाजी छोड़ो अपने
- , , ।
लड़क(cid:956) को धम(cid:481) कम(cid:481) (cid:979)सखाओ मेल से रहो बस यही (cid:929)रा(cid:656) है जो लोग कहते ह(cid:953) (cid:974)क
, , ।"
(cid:929)रा(cid:656) के (cid:979)लए खून क(cid:938) नदी बहेगी वे पागल ह(cid:953) उनक(cid:938) बात(cid:956) पर (cid:733)ान मत दो
। ।
जनता ये सब बात(cid:950) चाव से सुनती थी (cid:973)दनो(cid:973)दन (cid:512)ोताओंक(cid:938) सं(cid:604)ा बढ़ती जाती थी
।
चौधरी के सब (cid:512)(cid:722)ाभाजन बन गए
, " ,
भगतजी भी राजभ(cid:977)(cid:567) का उपदेश करने लगे भाइयो राजा का काम राज करना और
।
(cid:504)जा का काम उसक(cid:938) आ(cid:438)ा का पालन करना है इसी को राजभ(cid:977)(cid:567) कहते ह(cid:953) और हमारे
। ,
धा(cid:977)मक(cid:941) (cid:486)ंथ(cid:956) म(cid:950) हम(cid:950) इसी राजभ(cid:977)(cid:567) क(cid:938) (cid:979)श(cid:437)ा दी गई है राजा ई(cid:886)र का (cid:504)(cid:976)त(cid:977)न(cid:977)ध है
।
उसक(cid:938) आ(cid:438)ा के (cid:974)व(cid:964)(cid:722) चलना महान् पातक है राज(cid:974)वमुख (cid:504)ाणी नरक का भागी होता
।"
है
, " ?" , "
एक शंका राजा को भी तो अपने धम(cid:481) का पालन करना चा(cid:973)हए (cid:1018)सरी शंका हमारे
, - ।"
राजा तो नाम के ह(cid:953) असली राजा तो (cid:974)वलायत के ब(cid:977)नए महाजन ह(cid:953)
, " , ?"
तीसरी शंका ब(cid:977)नए धन कमाना जानते ह(cid:953) राज करना (cid:583)ा जान(cid:950)
, " ,
भगत लोग तु(cid:839)(cid:950) (cid:979)श(cid:437)ा देते ह(cid:953) (cid:974)क अदालत(cid:956) म(cid:950) मत जाओ पंचायत(cid:956) म(cid:950) मुकदमे ले जाओ
, , !
ले(cid:974)कन ऐसे पंच कहाँ ह(cid:953) जो स(cid:633)ा (cid:766)ाय कर(cid:950) (cid:1018)ध का (cid:1018)ध और पानी का पानी कर द(cid:950) यहाँ
- । , , ,
मुँह देखी बात(cid:950) ह(cid:956)गी (cid:979)जनका कु छ दबाव है उनक(cid:938) जीत होगी (cid:979)जनका कु छ दबाव नह(cid:944) है
। , -
वह बेचारे मारे जाएँगे अदालत(cid:956) म(cid:950) सब काररवाई कानून पर होती है वहाँ छोटे बड़े सब
, - ।"
बराबर ह(cid:953) शेर बकरी एक घाट पर पानी पीते ह(cid:953)
, " , -
(cid:1018)सरी शंका अदालत(cid:956) का (cid:766)ाय कहने को ही है (cid:979)जसके पास बने (cid:966)ए गवाह और दाँव प(cid:950)च
, , - ? ,
खेले (cid:966)ए वक(cid:938)ल होते ह(cid:953) उसी क(cid:938) जीत होती है झूठे स(cid:633)े क(cid:938) परख कौन करता है हाँ
।"
हैरानी अलब(cid:695)ा होती है
, " ।
भगत कहा जाता है (cid:974)क (cid:974)वदेशी चीज(cid:956) का (cid:872)वहार मत करो यह गरीब(cid:956) के साथ घोर
। , ,
अ(cid:766)ाय है हमको बाजार म(cid:950) जो चीज स(cid:913)ी और अ(cid:634)ी (cid:977)मले वह लेनी चा(cid:973)हए चाहे
। -
(cid:929)देशी हो या (cid:974)वदेशी हमारा पैसा स(cid:950)त म(cid:950) नह(cid:944) आता है (cid:974)क उसे र(cid:721)ी फ(cid:721)ी (cid:929)देशी चीज(cid:956) पर
।"
फ(cid:950) क(cid:950)
, " , ।"
एक शंका अपने देश म(cid:950) तो रहता है (cid:1018)सर(cid:956) के हाथ म(cid:950) तो नह(cid:944) जाता